बड़े खामोश लम्हें हैं जरा चुपके से आ जाना
तेरे साँसों की सरगम पर मुझे कोई गजल गाना
अज़ल से आरज़ू मेरी तू मेरे बज़्म में आए
बड़ी मासूम हसरत है जरा घर से निकल आना
तेरे चिलमन पे जा करके मेरी नजरें ठहर जाती
बड़ा नादाँ है दिल मेरा न तू आए न ए माना
मेरा पयाम ले करके हवाएँ रोज जाती हैं
दानिस्ता है बहुत मुश्किल तेरे दर पर पहुच पाना
मैं तेरे गेसुओं की इस घनी सी छांव में आकर
कहा दिल से धड़क करके मुझे मत होश में लाना
विक्रम
तेरे साँसों की सरगम पर मुझे कोई गजल गाना
अज़ल से आरज़ू मेरी तू मेरे बज़्म में आए
बड़ी मासूम हसरत है जरा घर से निकल आना
तेरे चिलमन पे जा करके मेरी नजरें ठहर जाती
बड़ा नादाँ है दिल मेरा न तू आए न ए माना
मेरा पयाम ले करके हवाएँ रोज जाती हैं
दानिस्ता है बहुत मुश्किल तेरे दर पर पहुच पाना
मैं तेरे गेसुओं की इस घनी सी छांव में आकर
कहा दिल से धड़क करके मुझे मत होश में लाना
विक्रम
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