झील का निर्जन किनारा
मौन होकर बैठ जायें
तपिस मन की कुछ बुझायें
एक क्षण ऐसा लगा क्यूँ,अब यही मेरा सहारा
झील का निर्जन किनारा
टूटती हर साँस ले मै
कुछ अधूरी आश ले मै
उस अकल्पित शक्ति को बस,मौन हो मैने पुकारा
झील का निर्जन किनारा
शब्द सारे याद आये
अर्थ ही न ढूँढ पाये
झील में उठती लहर सा,डोलता है मन हमारा
झील का निर्जन किनारा
विक्रम
मौन होकर बैठ जायें
तपिस मन की कुछ बुझायें
एक क्षण ऐसा लगा क्यूँ,अब यही मेरा सहारा
झील का निर्जन किनारा
टूटती हर साँस ले मै
उस अकल्पित शक्ति को बस,मौन हो मैने पुकारा
झील का निर्जन किनारा
शब्द सारे याद आये
अर्थ ही न ढूँढ पाये
झील में उठती लहर सा,डोलता है मन हमारा
झील का निर्जन किनारा
विक्रम
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